Saturday, September 21, 2019

मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?


मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?



 मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?
मोबाइल फ़ोन दो तरह से परखे जाते है, टेक्निकल और दिखावे, पर मेरे 

नजरियेसे देखे तो टेक्निकल नजरिया बहेतर होता है , टेक्निकल में मशीनरी 

एवं उसके पार्ट्स के कार्य क्षमता पर देखे जाते है. और दिखावे में उसका रूप 

, रंग एवं आकार देखा जाता है।तो आइये देखे मोबाइल फ़ोन में टेक्निकल 

कौनसी चीज़ है , जो हमें निश्चित तौर पर देखनी जरूरी है और क्यों?

क्युकी फ़ोन हमें केवल किसीके नंबर के साथ ही नहीं जोड़ता , पर कई तरह 

से कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, गेमिंग, इंटरनेट और न जाने कितने प्रोग्राम के साथ भी 

जोड़ता है।  जिससे हमें दुनिया में किस वक़्त क्या चल रहा है इसकी न्यूज़ भी 

मिल जाया करती है।
 मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?

१) टेक्निकल में नेटवर्क देखे , जैसे की जी.एस.एम., सी.डी.एम.ए. और 

एल.टी.इ कौनसे सर्विस पर आधारित है?


 मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?

२)  डिस्प्ले स्क्रीन की साइज (लम्बाई , चौड़ाई और जाडाई) जरूर देखे,

इसके बुनियाद पर ही फ़ोन का मॉडल बनता है और फ़ोन का दिखावाभी.

 मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?
1  ३)  फिर बात करते है उसके प्रोग्रामिंग जिसके आधार से हमें वो समझने की 
  
     क्षमता प्रदान करता है, जिसमे एंड्राइड, विंडोज या सादा प्रोग्रामिंग है,

     प्रोग्रामिंग का आधार उसकी कार्य क्षमता और कार्य प्रणाली होता है।

४)  फिर बात करते है उसके मशीन की जो फ़ोन के सभी पुर्ज़ोंको कार्य 


करनेकी क्षमता प्रदान करता है, जिसे सी.पि.यु. कहते है। सी.पि.यु. की 

क्षमता गेगा हर्ट्ज़ में नापी जाती है। ये अवश्य देखे।


 मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?
 मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?



५) फिर बात करते है केमेरे की जो फोटो खींचने के काम के आलावा भी

 बहुत कार्यो में उपयोग किया जाता है , जैसे की केमेरे के उपयोग में कई 

प्रोग्राम फोटो खींचनेके, स्कैन करनेके, पासवर्ड सेट करनके काम में 

उपयोग किया जाता है। 

यहाँ ध्यान रखे , साधे  फ़ोन में कैमरा सिर्फ पिछली बाजु पर मिलता है

जबकि स्मार्ट एंड्राइड एवं विंडोज फ़ोन में आगे और पीछे दोनों बाजु पर 

मिलता है , इसकी कार्यप्रणाली इसके प्रोग्राम में बनाये गए तरीको पर काम 

करता है।  
 मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?


 ६)  अब बात करते है स्पीकर की, जो हमें फ़ोन में बात सुनने के आलावा कई

 तौर पर काम आता है, जैसे की म्यूजिक, ऑडियो, वीडियो गेम की आवाज़ 

सुननेमे मदद करता है। 


 मोबाइल खरीदते समय कौनसी बाते ध्यानमे रखे ?

७) अब बात करते है इसकी विद्युत पावर क्षमता की , जो इसकी बेटरी में 

होती है वो एम्. ए. एच. में नापी जाती  है।




 ८)  और सबके बाद उसकी बॉडी , उसका मटेरियल , उसका आकार

उसका कलर और उसका वजन ये भी महत्वपूर्ण है।






९)  मोबाइल स्मार्ट फ़ोनमें कनेक्टिविटी के रूपमे वाईफाई , ब्लूटूथ, इंफ्रारेड 

और कई प्रकार के सेंसर्स जो मोबाइल को सचमे स्मार्ट बनाते है।


   बदलाव के लिए और  आपके राइ के लिए आपके सुझाव हमें कमेंट बॉक्स 

में जरूर लिखे। (धन्यवाद्)








Monday, September 16, 2019

प्रोजेक्टर के फायदे

प्रोजेक्टर के फायदे 

आज में आपको प्रोजेक्टरके वो फायदे बताता हु जो आपको शायद ही पता होंगे।

प्रोजेक्टर वस्तुओंको बड़ा करके दिखाता है, और इसी वजहसे प्रोजेक्टरको घर, ऑफिस

सिनेमाघर में अपनाया गया है। पर आप इस प्रोजेक्टर के फायदे जानकर चौंक जायेंगे।  

१) प्रोजेक्टर आप छोटी बड़ी सभी जगह पर घर पर , ऑफिस में , और सिनेमाघर में उपयोग 

कर सकते है।  इसे लगवानेके लिए १०फ़ीट कमसे कम और ज्यादा से ज्यादा १००फ़ीट तक 

प्रोजेक्टर लगवाया जा सकता है।

२)  जिस जगह पर प्रोजेक्टर चलाना है , उस जगह पर अँधेरा करना पड़ता है।  जिससे 

लाईटबिल की बचत होती है।

३)  प्रोजेक्टर की फोकस जिस परदे पर दिखती है , उस परदे पर प्रोजेक्टर चालू करके 

कीतनीही देर देखे , इससे आँखोंको कोई नुकसान नहीं होता।






४)  प्रोजेक्टर दिवार में ऊपर की जगह पर लगता है , जिससे हम उस दिवार की नीचेवाली 

जगह अन्य काममें उपयोग कर सकते है।

५)  प्रोजेक्टर की खरीदी करते समय ये ध्यान में रखे की प्रोजेक्टर जिस जगहके इस्तेमाल के 

लिए लेना है , उस जगह की लम्बाई कितनी है , क्युके कईबार प्रोजेक्टर लेंस लम्बाई पर 

आधारित होता है , इस कारन प्रोजेक्टर की खरीदी पर पैसे अलग अलग लगते है।

 ६)  प्रोजेक्टर को आप अपने मोबाइल , कंप्यूटर , लैपटॉप और पैन ड्राइव की मदद से 

आपकी पसंदीदा फाइल चला सकते है।

७)  प्रोजेक्टरके साथ हम स्पीकर लगाके टेलीविज़न के जैसे उपयोग में ले सकते है , घर पर 

हमारे बच्चोंकी आँखों पर चश्मे न लगे इस वजह से हमें घर पर टेलीविज़न की जगह  प्रोजेक्टर 

चुनना हमारे बच्चोंके लिए फ़ायदेमें रहेगा।











Saturday, September 14, 2019

कंप्यूटर जॉब वाले लोगों को अपनी आंखों का ख्याल रखना चाहिए


कंप्यूटर जॉब वाले लोगों को अपनी आंखों का ख्याल रखना चाहिए



कंप्यूटर का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, और इसलिए आज के युग में कंप्यूटर नौकरियों का अनुपात दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। लेकिन कंप्यूटर पर काम करने के लिए आँखें बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कंप्यूटर स्क्रीन से आने वाली किरणें आँखों को बहुत कमजोर बनाती हैं। और यही कारण है कि नियमित रूप से काम करने वाले व्यक्ति को कुछ समय पर उनकी आँखों पर चश्मा लग जाता है, इसलिए यह न समझें कि कंप्यूटर काम नहीं करना  है। लेकिन आंखों की देखभाल करके कंप्यूटर पर सावधानीपूर्वककाम किया जा सकता है। तो आज हम इस बारे में बात करेंगे कि नियमित रूप से कंप्यूटर काम करने वाले व्यक्ति को अपनी आंखों की देखभाल कैसे करनी चाहिए। ताकि हमारी आंखें स्वस्थ रहें और कंप्यूटर की नौकरी में कोई दिक्कत न आए।


१) कंप्यूटर स्क्रीन को साफ कपड़े से नियमित रूप से साफ करें, ताकि कंप्यूटर स्क्रीन पर धूल जमा न हो। धूल मलबे कुछ हद तक आपकी आंख और आपके कंप्यूटर स्क्रीन के संपर्क को भी रोकता है। जिससे लंबे समय तक आंखों में दर्द हो सकता है।

२) कंप्यूटर पर काम करते समय इन सभी (कम्प्यूटर्स) को हमसे दूर रखना महत्वपूर्ण है।
दूरी दो फीट (600 मिमी) है या हमारे एक हाथ की दूरी को समझा जा सकता है।


३) संभवतः आपके कंप्यूटर स्क्रीन की ऊंचाई आपकी कुर्सी है, जिस मेज पर आप बैठने के लिए उपयोग करते हैं। इसमें बैठना आवश्यक है और आपकी आंखे कंप्यूटर स्क्रीन से ऊपर लगभग 150 मिमी होनी चाहिए। दूरी कहीं भी नहीं लिखी गई है, बस आम तौर पर कंप्यूटर स्क्रीन के ऊपर व्यक्ति की ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए ताकि हमारी आँखें स्क्रीन की किरणों से सबसे अधिक सुरक्षित हों।


४) प्रदीप्त स्थान और प्रदीप्त वस्तु आसानी से आँखों को दिखाई देती है और इसलिए आपके कंप्यूटर स्क्रीन की स्थिति आपके द्वारा काम किए जाने वाले स्थान की चमक से अधिक रोशन होनी चाहिए। ताकि स्क्रीन के पार आपकी आंखों को दिखाई देने वाली वस्तुएं छोटी या बड़ी हों, इसलिए आपकी आंखें उन्हें आसानी से देख पाती हैं।


५) यदि हम नियमित रूप से कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं, तो हमें अपनी आंखे स्क्रीन से हर पंद्रह मिनट में लगभग डेड मिनट तक कंप्यूटर स्क्रीन से दूर रखना चाहिए, जहाँ कंप्यूटर स्क्रीन की रोशनी हमारी आँखों पर न पड़ती हो  ऐसा करना महत्वपूर्ण है, ताकि हमारी आँखें नियमित रूप से ठीक रहे  नेत्र कोशिकाएं नियमित रूप से हमारी आंखों को रक्त परिसंचरण से आंखों तक पहुंचने वाले पोषक तत्वों की पूर्ति करती हैं।


६) आपकी आँखों को हर तीन घंटे में ठंडे पानी से धोना चाहिए, ताकि यह पर्यावरण या कंप्यूटर के प्रभावों को रोकने के लिए हमारी आँखों को नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ करने में मदद करे। फिर, जब आप कंप्यूटर स्क्रीन से मुक्त होते हैं, तो कुछ मिनटों के लिए अपनी आँखें बंद रखें। ताकि आंखों की थकान दूर हो जाए।


७) साल में एक बार अपनी आँखें किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाएं ताकि आप अपनी दृष्टि, आपकी दृष्टिकोण  और खराब फोकस जैसी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।


८) रोज रात को सोते समय आई ड्रॉप लेना।

इस जानकारी को इंग्लिशमे पढ़े। 


Thursday, September 12, 2019

सी.एफ.ऍम. क्या होता है?





इस दुनिया में सी.एफ.ऍम. के कई प्रकार हो सकते है, पर इस पोस्ट में हम टेक्निकल दुनिया में एच.वी.ए.सी. की फील्ड में  उपयोग होने वाला शब्द का उपयोग समझेंगे.  सी.एफ.ऍम. एक हवा की नापने की यूनिट (एकम) समझो।  जिसे टेक्निकल भाषा में सी.एफ.ऍम. कहते है। याने की हवा का कुछ भाग जो हमें मापना है , की हमारे रूम में कितनी हवा है , पर मापने के लिए कोई नाप (एकम) नहीं है , तो टेक्निकल भाषा में हम सी.एफ.ऍम.को हवा के मअपनेका एकम समझेंगे।  जिसे आप टेक्निकल भाषा में एच.वी.ए.सी. की दुनियामे आप सी.एफ.ऍम. से हवा माप सकते है , यह कोई मशीन नहीं है पर हवा के नपनेका जरिया जरूर है। 

चलो जाने कैसे, हवा को अगर एक स्क्वायर फ़ीट x एक स्क्वायर फ़ीट के बक्से में भरी जाये तो इस भरी हुई हवा को हम १ सी.एफ.ऍम. कहेंगे। 
सी.एफ.ऍम. क्या होता है?

इस १ स्क्वायर फ़ीट घन के बॉक्स में भरी गयी हवा का प्रमाण मापा तो हमें १ सी.एफ.ऍम. हवा मिली , वैसे हम कहे सकते है। ठीक  वैसे ही एक रूम में कितनी हवा है , उसे मापने का यह एकम है। 

इस जानकारी को इंग्लिश  में पढ़े /